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यशिका चतुर्वेदी को श्रीमती राजरानी देवी स्मृति बचपना सम्मान से सम्मानित किया गया

विश्व हिन्दी साहित्य सेवा संस्थान प्रयागराज और यूनिवर्सिटी कॉलेज मंगलूरू के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित द्वि दिवसीय 28 वें राष्ट्रीय अधिवेशन में यशिका चतुर्वेदी को श्रीमती राजरानी देवी स्मृति बचपना सम्मान से सम्मानित किया गया। कला, साहित्य एवं संस्कृति के क्षेत्र में बहुमुखी प्रदर्शन और राजभाषा हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए आपके द्वारा किए गए प्रयासों के लिए आपको यह सम्मान प्रदान किया गया। कला के क्षेत्र में यशिका विगत 5 वर्षों से डॉ स्वाति अग्रवाल के मार्गदर्शन में कथक नृत्य की विधा को सीख रहीं हैं। साहित्य के क्षेत्र में आपको कहानी लिखना का शौक़ है। वहीं संस्कृति के क्षेत्र में आपने श्रीमदभागवतगीता को कंठस्थ किया है। उक्त राष्ट्रीय अधिवेशन डॉ श्री ओमप्रकाश त्रिपाठीजी की अध्यक्षता एवं संस्थान के सचिव श्रीगोकुलेश्वर कुमार द्विवेदी के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री मंजुनाथ एन अंबिग कुलसचिव प्रभारी, उच्चशिक्षा और शोध संस्थान दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा मद्रास तथा विशिष्ट अतिथि डॉ सुकन्या मैरी, प्राचार्या श्री पूर्ण प्रज्ञा संध्या महाविद्यालय उडुपी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में देश के कोने कोने से विद्वत्जनों उपस्थित हुए और हिन्दी के प्रचार प्रसार के संबंध में अपने विचार रखे। इस वर्ष के कार्यक्रम का विषय हिन्दी साहित्य में वृद्ध विमर्श पर चर्चा हुई। जिसके अंतर्गत शोधार्थियों के अतिरिक्त विश्वविद्यालय के छात्रों ने अपने आलेख़ों का वाचन किया। अधिवेशन के दौरान मंगलूरु विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी प्रस्तुत की गयीं।

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